Jharkhand News: झारखण्ड राज्य के पलामू मैं स्तिथ बेतला नेशनल पार्क में पर्यटकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। यह आदेश नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए ) द्वारा दी गई है। इसके साथ बेतला नेशनल पार्क मैं सुरक्षा-व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है। चलिए विस्तार से जानते है, आखिर यह ठोस कदम क्यों उठाया गया है।
इतने महीनो के लिए लगाई गई नो एंट्री
आपके जानकारी के लिए बता दे की बरसात के कारण 1 जुलाई से 3 महीने यानि 30 सितंबर तक बेतला नेशनल पार्क मैं कोई भी पर्यटक नहीं जा सकते है। हलाकि यह पहली बार नहीं किया जा रहा है जब पलामू टाइगर रिजर्व में नो एंट्री लगाई गई हो। दरअसल, हर साल यहाँ पर बरसात के समय सुरक्षा को ध्यान मैं रखते हुए कुछ महीनो के लिए नो एंट्री लगा दी जाती है।
यदि आप जुलाई मैं बेतला नेशनल पार्क जाने का प्लान बना रहे है, तो आपको 30 सितंबर तक का इंतजार करना पड़ सकता है। आप 1 अक्टूबर से बेतला नेशनल पार्क पुनः जा सकते है।
इस वजह से हर साल बेतला नेशनल पार्क मैं लगती है नो एंट्री
बेतला नेशनल पार्क के रेंजर शंकर पासवान का कहना है की वन्य प्राणियों के प्रजनन काल को देखते हुए हर साल मानसून मैं पलामू टाइगर रिजर्व को बंद कर दिया जाता है। उन्होंने ये भी जानकारी दी की, पार्क मैं नो एंट्री लगने के बाद जंगल की सुरक्षा और भी ज्यादा बड़ा दी जाती है। यही वहज है की पलामू और लातेहार जिले के सीमा पर स्थित पलामू टाइगर रिजर्व जिसे बेतला नेशनल पार्क से जाना जाता है, तीन महीने के लिए वहाँ नो एंट्री लगा दी गई है।
कुछ महीने आराम से घूम सकते है सभी जानवर
बेतला नेशनल पार्क मैं तीन महीने नो एंट्री लग जाने से वहा पर स्तिथ 6000 हिरण सहित अन्य जानवर जैसे हाथी, तेंदुआ, लकड़बग्घा, बंदर, लंगूर बायसन, सहित कई अन्य जंगली जानवर आसानी से घूम सकते है। ऐसे मैं जानवरो के बीच प्रजनन मैं ज्यादा दिक्कत नहीं होती है। जब कुछ महीने वहाँ पर्यटक नहीं जाते है, इससे जंगली जानवरो को बहुत राहत मिलता है।
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