Jarmundi News: प्रखंड जरमुंडी के ग्राम कालाडुमरिया मैं दिनांक 27-06-2024 को आंगनबाड़ी मैं सेविका चयन के लिए आम सभा का आयोजन किया गया था। जिसमे जरमुंडी ब्लॉक के बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) और Supervisor के साथ-साथ कालाडुमरिया के रहने वाले सभी ग्रामीण शामिल हुए थे। लेकिन, सेविका का चयन किए बिना इस आम सभा को रद्द कर दिया गया। जानकारी के अनुसार यह दूसरी आम सभा थी। इससे पहले भी एक आम सभा हो चूका है जो की 28-10-2023 को आयोजित किया गया था।
क्या है पूरा मामला?
ग्राम कालाडुमरिया के आंगनबाड़ी मैं सेविका का पद रिक्त है। जिसके लिए नई सेविका का चयन अक्टूबर मैं ही किया जाना था। जिसके लिए 28-10-2023 को आम सभा का चयन किया गया था। लेकिन, पहले आम सभा मैं कुछ ग्रामीण के अभद्र व्यवहार के कारण उसे रद्द कर दिया गया।
दरअसल, पहले आम सभा मैं कुल 11 उम्मीदवार ने सेविका पोस्ट के आवेदन की थी। जिस उम्मीदवार का चयन किया जा रहा था वह उस ग्रामीण की बाहुल्य उम्मीदवार थी। लेकिन, आम सभा मैं मौजूद सिर्फ तीन से चार लोगो का कहना था की यह उम्मीदवार और इसका परिवार कालाडुमरिया का निवासी नहीं है। जानकारी के अनुसार पता चला है की चयन की जाने वाली उम्मीदवार के परिवार कालाडुमरिया गांव मैं 80 साल से ज्यादा समय से उसी गांव मैं निवास कर रहे है। यहाँ तक की गांव के कई लोगों का भी कहना है की इनका पूरा परिवार शुरू से इसी गांव मैं रहते है।
दूसरे आम सभा मैं ग्रामीण के बीच हुआ झड़प
वही, दूसरा आम सभा 27-06-2024 को आयोजित किया गया। जिसमे जरमुंडी ब्लॉक के बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) और Supervisor के साथ-साथ कालाडुमरिया के रहने वाले सभी ग्रामीण शामिल हुए थे।
इस आम सभा मैं 5 उम्मीदवार ने सेविका पोस्ट के लिए आवेदन की। इन 5 उम्मीदवार में से उसी एक उम्मीदवार का चयन किए जाने पर विचार किया जा रहा था जिसका पहले आम सभा मैं किया जा रहा था। लेकिन, एक बार फिर से उन्ही लोगो ने फिर से वही विवाद उठा दिया की यह यहाँ की निवासी नहीं है। जिस वजह से ग्रामीण के बीच मैं ज्यादा बात बढ़ जाने से थोड़ी देर आम सभा को रोका गया।
थोड़ी देर बाद फिर CDPO ने लोगो को बताया की अगर आपका कहना है की यह यहाँ की निवासी नहीं है तो इसपर जांच की जाएगी। लेकिन, उनलोगो का कहना था (जिन्होंने पहले और दूसरे आम सभा मैं विवाद को खड़ा किया) की इस उम्मीदवार को छोड़कर दूसरे का चयन कर दिया जाए, जो की कानून और नियम के अधीन था। अंत मैं बिना किसी रिजल्ट के इस आम सभा को रद्द कर दिया गया।
विवाद तब शुरू हुआ जब…
आंगनबाड़ी मैं सेविका पोस्ट के चयन का प्रक्रिया शांति पूर्वक चल रहा था। लेकिन, विवाद उस समय शुरू हुआ जब किसी एक व्यक्ति ने यह कहा की यह (जिसके चयन के लिए बात चल रही थी) उम्मीदवार यहाँ की नहीं है।
जानकारी के अनुसार पता चला है की जिस व्यक्ति ने यह कहा है की यह इस गांव की नहीं है, वह न ही कालाडुमरिया का निवासी है ओर न ही कालाडुमरिया पंचायत मैं आता है। इससे यह पता चलता है की इनलोगो का पहले से यह साजिस था की किसी तरह इस आम सभा को भंग किया जाए और जिसमे वे सब सफल भी हुए।
उस व्यक्ति पर जो कालाडुमरिया का न होती हुए भी उस आम सभा मैं शामिल हुआ और पुरे विवाद को शुरू किया, उच्च अधिकारी द्वारा ठोस कदम उठाना चाहिए।
पंचायत समिति का दिखा अभद्र व्यवहार
कालाडुमरिया की पंचायत समिति जिसे इस आम सभा को शांति पूर्वक चलाने मैं सहयोग करना था, उनके ही हाथ मैं छड़ी और सबसे ज्यादा चिलाते हुए देखा गया। किसी भी गांव मैं पंचायत समिति का चयन इसलिए किया जाता है, ताकि पंचायत मैं होने वाले किसी भी काम मैं अपना सहयोग दे सके। लेकिन, इस आम सभा मैं उनका व्यवहार देखने लायक था।
ऐसा प्रतीत हो रहा था की वह खुद इस आम सभा को भंग करना चाहती हो। किसी भी बात को शांति पूर्वक किया जा सकता है, लेकिन इन पंचायत समिति मैं ऐसा कुछ भी व्यवहार देखने को नहीं मिला। इस व्यवहार से CDPO को भी आश्चर्चकित हुआ। यह एक जांच का विषय हो सकता है।
जब आपत्ति थी तो क्यों नहीं कराया गया जांच
जिनपर यह आरोप लगाया था की वह यहाँ के निवासी नहीं है, उनका कहना है की जब उनलोगो को पहले आम सभा मैं ही आपत्ति था तो उनके पास पहले आम सभा को रद्द करने के बाद लगभग 8 महीने का समय था तो उनलोगो को जांच करा लेना चाहिए था, की उम्मीदवार का परिवार इस गांव मैं नहीं रहता है। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। इन लोगो ने दोनों आम सभा को एक ही कारण से भंग कर दिया।
जानकारी के अनुसार यह भी पता चला है की इन लोगो ने (जिन्होंने दोनों आम सभा को भंग किया है) उम्मीदवार का निवासी पत्र न बने, उसके लिए पूरी कोशिश की गई थी।
उच्च अधिकारी को भी इसपर विचार करना चाहिए की आखिरकार इन लोगो ने (जिन्होंने दोनों आम सभा को भंग किया है) पहले जांच क्यों नहीं कराई।
बच्चो के शिक्षा पर प्रभाव पड़ रहा है
आंगनबाड़ी मैं कई बच्चे पढ़ने के लिए आती है, ऐसे मैं अगर वहा पर पढ़ाने वाला ही नहीं हो तो बच्चो को शिक्षा कैसे मिल पाएगी। इस तरह दो बार आम सभा का रद्द होना, उचितपूर्ण नहीं है। उच्च कर्मचारी को जल्द से जल्द इसपर जांच करनी चाहिए और पुनः सेविका का चयन एक महीने के अंदर कर दिया चाहिए।
आपको क्या लगता है, इस तरह से दो बार आम सभा को रद्द करना चाहिए। अपनी राय हमें नीचे कमेंट मैं जरूर दे।