MSP Full form in Hindi: किसान द्वारा दिल्ली मैं चल रहे प्रदर्शन को आप सभी ने जरूर देखा होगा। ये खबर बहुत दिनों से सुर्खियों मैं रहा था। जिसके कारण दिल्ली, हरियाणा और पंजाब बॉर्डर को भी सीज कर दिया गया था। क्या आप ने कभी सोचा की यह सब किस वजह से हो रहा है। दरअसल, यह सब बवाल MSP को लेकर हो रहा था। आखिर यह MSP क्या है? जिसको लेकर किसान सड़को पर उतर आए थे।
आज इस लेख हम MSP का फुल फॉर्म क्या होता है? MSP क्या होता है? और एमएसपी से जुड़ी सभी तथ्यों के बारे मैं जानने वाले है। ताकि अगर कोई आप से MSP के बारे मैं पूछे तो आप अच्छी तरह से बता सके।
MSP Full Form in Hindi (एमएसपी फुल फॉर्म हिंदी मैं)
MSP का फुल फॉर्म “Minimum Support Price” मिनिमम सपोर्ट प्राइस होता है, जिसे हिंदी मैं “न्यूनतम समर्थन मूल्य” कहा जाता है। यह वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर सरकार किसी किसानों से उनकी फसल को खरीदती है। MSP के अंतर्गत जब फसल की बुवाई की जाती है तभी इसकी कीमत तय कर दी जाती है।
MSP का मतलब क्या होता है?
एमएसपी नियम के अंतर्गत सरकार फसल की बुवाई के दौरान ही उसकी कीमत तय कर देती है। एमएसपी का सबसे बड़ा फायदा यह है की बाजार मैं कीमत घटने या बढ़ने के बाद भी एमएसपी मैं कोई बदलाव नहीं किया जाता है। अगर इसे एक आसान भाषा मैं समझे तो ‘मान लीजिए किसी फसल की MSP 50 रूपये तक की गई है और बाजार मैं उसकी रेट 30 रूपये है, तब भी सर्कार 50 रूपये मैं ही किसानों से उस फसल को खरीदेगी।
MSP किन-किन फसल पर तय की जाती है?
इसमें अनाज, मोटे अनाज और दालें जैसे खाद्यान्न शामिल है जिसमे MSP लागु की जाती है। इसमें से 14 खरीफ फसल और 10 रबी फसल है जिसमे एमएसपी दी जाती है। नीचे के तालिका मैं आप देख सकते है की इसके अंतर्गत किन-किन फसल को शामिल किया गया है।
14 खरीफ फसल:
- धान
- ज्वार
- बाजरा
- रागी
- मक्का
- अरहर
- मूंग
- उड़द
- मूंगफली
- सूरजमुखी के बीज
- सोयाबीन
- तिल
- नाइजरसीड (रामतिल) और
- कपास
10 रबी फसल:
- गेहूं
- जौ
- चना
- मसूर
- सरसों
- कुसुम
- टोरिया
- कोपरा
- भूसी रहित नारियल और
- जूट
ये सभी फसल है जिस पर MSP तय की जाती है।
एमएसपी को कौन तय करता है?
किसानों को फसल का उचित कीमत मिले इसके लिए MSP को लाया गया है। सरकार की ओर से कृषि लागत और मूल्य आयोग यानी CACP का गठन किया गया है। CACP (Commission for Agricultural Costs and Prices) के द्वारा की जाने वाली सिफारिशों के आधार पर ही सरकार हर साल फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) को तय करती है। आपके जानकारी के लिए बता देखी भारत मैं पहली बार 1966-67 में एमएसपी दर लागू की गई थी।
ये भी पढ़े: Out for Delivery Meaning in Hindi 2024, आउट फॉर डिलीवरी मीनिंग
MSP से किसान को क्या फायदा मिलता है?
एमएसपी से किसानों को निम्लिखित फायदे मिलते है, जो इस प्रकार है।
- किसानों को फसल का उचित कीमत मिलता है।
- जब कभी बाजार मैं फसल की कीमत मैं कमी होती है तो भी किसान को वही कीमत मिलता है जो मूल्य निर्धारित की जाती है।
- हर किसान को फसल का एक समान कीमत मिलता है।
- किसानों को फसल की कीमत के लिए सोचना नहीं होता है क्योंकि वह बुवाई के दौरान ही तय कर दी जाती है।
- इसके माध्यम से किसानों को खेती में निवेश करने के लिए उत्साहित किया जाता है।
- एक स्थिर और सुनिश्चित मूल्य से किसानों को खेती में रुचि बनाए रखने मैं मदद करता है।
- अधिक पैदावार के लिए किसान नए तकनीकी और कृषि उपकरणों का उपयोग करते है, जिससे वह ज्यादा कमाई कर सके।
MSP से किसानों को क्या नुकसान हो सकता है?
देखा जाए तो एमएसपी कुछ हद तक किसानों के सही है जब कभी किसी फसल की कीमत मैं गिरावट हो जाती है फिर भी किसान को वही कीमत मिलती है जो निर्धारित की जाती है। वही, एमएसपी से किसानों को उस समय नुकसान होता है जब किसी फसल की पैदावार ज्यादा होती और उसकी कीमत निर्धारित कीमत से ज्यादा होनी चाहिए। लेकिन, किसान को वही मूल्य मिलता है जो सरकार CACP के द्वारा तय करती है।
आशा करता हूँ की आपको इस आर्टिकल मैं MSP के बारे मैं बहुत कुछ जानने को मिलेगा। अगर आपको यह लेख पसंद आई तो इसे आप अपने सोशल अकाउंट मैं शेयर करे, ताकि हम आपके लिए ऐसे ही लेख लाते रहे। ऐसी ही जानकारी के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल के साथ जुड़ सकते है। आप हमारे साइट Taaza Khabar 247 पर कभी भी विजिट कर सकते है।