10 Lines on Guru Ravidas Jayanti in Hindi 2024: संत रविदास का हमारे हिन्दू मैं अहम भूमिका है। प्रत्येक वर्ष माघ-पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु रविदास जयंती मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार इस साल गुरु रविदास जयंती 24 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी। यह भगवान के ऐसे भक्त थे जिनको जात-पात और ऊंच-नीच से कोई भेदभाव नहीं था। सभी को यह एक समान मानते थे और समाज को एकता के सूत्र मैं बांधने का काम किया था।
गुरु रविदास अपने दोहों से लोगो को सही मार्ग दिखाने का काम करते थे। आज इस लेख मैं हम संत गुरु रविदास के बारे मैं 10 लाइन्स मैं जानने वाले है ताकि अगर आपको इनके बारे मैं लिखने को कहा जाए तो आप आसानी से लिख सकते है।
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10 Lines on Guru Ravidas Jayanti in Hindi – Set 1
- संत गुरु रविदास का जन्म काशी मैं माघ पूर्णिमा के दिन रविवार को संवत 1377 मैं हुआ था।
- गुरु रविदास को रैदास के नाम से भी जाना जाता था।
- ये मध्यकाल मैं एक भारतीय संत कवि सतगुरु थे, जिसे संत शिरोमणि सत गुरु की उपाधि दी गई थी।
- श्री गुरु रविदास के पिता का नाम संतोख दास और माता का नाम कलसांं देवी था।
- गुरु रविदास का लगाव ज्यादातर साधु-सन्तों के साथ रहता है, जहां से उनको ज्ञान प्राप्त हुआ था।
- गुरु रविदास का जन्म चमार जाति मैं हुआ था और यह जूते बनाने का काम करते थे।
- यह अपना काम समय पर और बहुत ही लगाव के साथ किया करते थे।
- संत गुरु रविदास जी ऐसे भक्त थे जिनको जात-पात और ऊंच-नीच से कोई भेदभाव नहीं था।
- ये सभी लोगो को एक समान मानते थे और समाज को एकता के सूत्र मैं बांधने का काम किया था।
- इनका एक दोहा काफी प्रचलित है – “चौदह सौ तैंतीस कि माघ सुदी पन्दरास। दुखियों के कल्याण हित प्रगटे श्री गुरु रविदास जी।”
तो ये था 10 Lines on Guru Ravidas Jayanti in Hindi के बारे मैं।
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10 Lines on Guru Ravidas Jayanti in Hindi – Set 2
- प्रत्येक वर्ष माघ-पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु रविदास जयंती मनाई जाती है।
- गुरु रविदास का जन्म 1377 मैं वाराणसी (दिल्ली सल्तनत) मैं हुआ था।
- इनका जन्म का नाम ‘रवि’ और उपनाम ‘रैदास’ था।
- गुरु रविदास का आवास ‘सीरगोवर्धन काशी’ मैं था।
- इनकी पत्नी का नाम ‘लोना देवी’ है।
- रैदास काफी ही मधुर व्यवहार थे, जिसके कारण उनके संपर्क मैं आने वाले लोग भी बहुत प्रसन्न हो जाते थे।
- संत शिरोमणि सत गुरु (गुरु रविदास) बहुत ही परोपकारी तथा दयालु थे।
- दुसरो की मदद करना गुरु रविदास का स्वभाव बन गया था।
- गुरु रविदास का यह स्वभाव उनके माता-पिता को पसंद नहीं था, इसलिए उनको और उनकी पत्नी को घर से बहार कर दिए थे।
- संत गुरु रविदास कोई भी काम समय पर करने पर विशेष ध्यान देते थे।
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निष्कर्ष
आशा करता हूँ की आपको 10 Lines on Guru Ravidas Jayanti in Hindi का दोनों सेट पढ़ने मैं अच्छा लगा होगा और गुरु रविदास के बारे मैं बहुत कुछ जानने को मिला होगा। अगर आपको यह लेख पसंद आया है तो आप इसमे अपने दोस्तों और अपने सोशल अकाउंट मैं शेयर कर सकते है। ऐसी ही जानकारी के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल के साथ जुड़ सकते है।