Dry Ice कॉर्बन डाइऑक्साइड का ठोस रूप होता है, जिसको सूखा बर्फ़ भी कहते है। ड्राई आइस को −78.5 °C या −109.2 °F तापमान मैं रखा जाता है। FSSAI के अनुसार इसका उपयोग आमतौर पर आइसक्रीम, फ्रोजन डेसर्ट आदि जैसे खाद्य उत्पादों को फ्रीज़ या ठंडा करने के लिए जाता है। यह सामान्य बर्फ़ की तुलना मैं गीला नहीं होता है।
दिल्ली गुरुग्राम से ऐसी खबर सामने आई है की 5 लोग रेस्टुरेंट मैं खाना खाने के माउथ फ़्रेशनर खाए थे। जिसके बाद उनके मुँह से खून आने लगा। जिसकी रिपोर्ट थाने मैं भी दर्ज कराई गई। दरअसल, वह माउथ फ़्रेशनर उन लोगो के रेस्टुरेंट के वेटर ने दिया था और उसको खाने के बाद मुँह से खून आने लगा।
Dry Ice खाने से आया मुँह मैं खून
वेटर ने जो माउथ फ़्रेशनर उन लोगो को खाने के दिया था, जब उसे डॉक्टर को दिखाया गया तो उन्होंने बताया की यह ‘Dry Ice’ है।
डॉक्टर राजीव गुप्ता का कहना है की आमतौर पर ड्राई आइस सुरक्षित होती है लेकिन उसका तापमान कम होने की वजह से अगर ये त्वचा के संपर्क में आती है तो फ्रोस्टबाइट या कोल्ड बर्न (ठंड की वजह से त्वचा जल जाना) जैसी समस्या हो सकती है और इसी वजह से उन लोगो के मुँह से खून निकलने लगा था।
Source: bbc.com/hindi